तन्हाइयो का जहर पीना कैसा लगता है
कोई हम से पूछे
किसी की यादो मै खोये रहना कैसा लगता है
कोई हम से पूछे
कभी अकेले मै अपने आप ही हस देना कैसा लगता है
कोई हम से पूछे
कभी तन्हा बैठे बिठाये खुद ही रोलेना कैसा लगता है
कोई हम से पूछे
किसी के इन्तजार की बेचैनी मै तड़पते रहना कैसा लगता है
कोई हम से पूछे
ये जान कर भी की आने वाला आयेगा नही
उस की राहोन मे पलके बिछाये बैठना कैसा लगता है
कोई हम से पूछे
नीन्द तो ऑखो से कोसो मील दूर है
ये सोच कर रातो को तारे गीनना कैसा लगता है
कोई हम से पूछे
क्या पता अगली सुबह "उन" का दीदार नसीब हो यह सोच कर खुदा से दुआ मांगते रहना
की अभी दिन का उजाला हो जाये कैसा लगता है
कोई हम से पूछे....!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!॰
Most of things are compiled and collected from other sources except few articles
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1 comment:
very good post .....
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