Most of things are compiled and collected from other sources except few articles

Saturday, September 8, 2007

तन्हाइयो का जहर पीना कैसा लगता है कोई हम से पूछे

तन्हाइयो का जहर पीना कैसा लगता है
कोई हम से पूछे
किसी की यादो मै खोये रहना कैसा लगता है
कोई हम से पूछे
कभी अकेले मै अपने आप ही हस देना कैसा लगता है
कोई हम से पूछे
कभी तन्हा बैठे बिठाये खुद ही रोलेना कैसा लगता है
कोई हम से पूछे
किसी के इन्तजार की बेचैनी मै तड़पते रहना कैसा लगता है
कोई हम से पूछे
ये जान कर भी की आने वाला आयेगा नही
उस की राहोन मे पलके बिछाये बैठना कैसा लगता है
कोई हम से पूछे
नीन्द तो ऑखो से कोसो मील दूर है
ये सोच कर रातो को तारे गीनना कैसा लगता है
कोई हम से पूछे
क्या पता अगली सुबह "उन" का दीदार नसीब हो यह सोच कर खुदा से दुआ मांगते रहना
की अभी दिन का उजाला हो जाये कैसा लगता है
कोई हम से पूछे....!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!॰

1 comment:

Unknown said...

very good post .....