वो एक लड़की जो मेरी ग़ज़ल हैं
वो एक लड़की जो खिलती कमल हैं
वो एक लड़की जो ताज महल हैं
वो एक लड़की तुम ही तो हो
वो उसकी गेसू काली घटाएं
वो उसकी पलकों से लहराती हवाएं
वो उसकी यादें मेरी वफायें
वो एक लड़की तुम ही तो हो
वो उसकी आँखें चमकते मोती
वो उसकी पलकें आँखों को छूती
वो उसके गाल सेहरा-ए-मोती
वो एक लड़की तुम ही तो हो
वो उसके लब गुलाब जैसे
वो उसका माथा खुली किताब जैसे
उसकी मुस्कान से गिरते फूल जैसे
वो एक लड़की तुम ही तो हो
Most of things are compiled and collected from other sources except few articles
Tuesday, November 20, 2007
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